इश्क के दरिया में तुम भी डूब के देख लो
ज़ख्म खाने का शौक हो तो दिल लगा के देख लो
यू ही नहीं हो जाता कोई इश्क करके बेपरवाह
यकीन न आये तो फिर आजमा के देख लो
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कही दिल की दुश्वारियां सामने आई
कही जमाने की दुहयिआन सामने आई
हम ने जब भी चाहा इजहारे वफ़ा करना
हर कदम पे मोहब्बत की बेवाफैयाँ सामने आई
ज़ख्म खाने का शौक हो तो दिल लगा के देख लो
यू ही नहीं हो जाता कोई इश्क करके बेपरवाह
यकीन न आये तो फिर आजमा के देख लो
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कही दिल की दुश्वारियां सामने आई
कही जमाने की दुहयिआन सामने आई
हम ने जब भी चाहा इजहारे वफ़ा करना
हर कदम पे मोहब्बत की बेवाफैयाँ सामने आई
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