Thursday, February 23, 2012

भोपाल में बढते छात्र छात्राओं के ख़ुदकुशी के मामले

भोपाल में बढते छात्र छात्राओं के ख़ुदकुशी के मामले 
बीते चार महीने में राजधानी के 14 छात्र-छात्राओं ने कभी फांसी लगाकर तो कभी जहर खाकर मौत को गले लगाया है। इनमें आठ छात्राएं और पांच छात्र शामिल हैं। उन्होंने ऐसा क्यों किया इस सवाल का जवाब पुलिस तलाश रही है। हालांकि कुछ मामलों में प्रेम प्रसंग मौत की वजह बना है तो कुछ में आर्थिक तंगी की बात सामने आई है।

अपने गृहनगर से दूर पढाई करने आये ये छात्र छात्राए राजधानी भोपाल के लिए इस समय सरदर्द बने हुए है कभी मारपीट कभी चोरी , चैन स्नात्चिंग , हत्या उपद्रव और न जाने क्या क्या करते हुए ये छात्र छात्राए भूल जाते है की किस मकसद से इन्हें इनके परिवार वालों ने यहाँ भेजा है , स्वतंत्र माहोल व बेफिक्री ने इनको इतनी समझ दे दी है की ये अपनी जिंदगी से कोई समझोता करना पसंद ही नहीं करते है और न ही किसी का दखल इनको इस समय पसंद आता है , 
इन सबके इतर जब जिंदगी की असलियत से रूबरू होते है तो जिंदगी को खोना इन्हें ज्यादा आसान लगता है बजाय इस मुश्किल समय को संयम से पार पाने के !
यहाँ पर अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है की उन्हें ये जरूर पता होना चाहिए की उनके बच्चे बाहर दुसरे शहर में किस तरह रह रहे है समय समय पर उनके पास आकर उनकी परेशानियों को समझना  भी जरूरी है न की उनको जरूरत के आर्थिक सहायता करके अपना कर्त्तव्य पूरा समझ   लेना !   

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